City Poem - Kumar Abhimanyu
"वह इलाका क्रूर है
वहाँ मत जाना"
"बचाओ"
"बचाओ"
"बचाओ"
मैं कभी नहीं गया उधरपर गुज़रा हूँ
कई बारअब तुम हो उधर
और तुम्हारे मेरे बीच
ये दूरी है
तुम्हारी ये चुप्पी क्रूर है
और हो न हो
मैं जानता हूँ
वह इलाका क्रूर है
वहाँ मत जाना"
"बचाओ"
"बचाओ"
"बचाओ"
मैं कभी नहीं गया उधरपर गुज़रा हूँ
कई बारअब तुम हो उधर
और तुम्हारे मेरे बीच
ये दूरी है
तुम्हारी ये चुप्पी क्रूर है
और हो न हो
मैं जानता हूँ
वह इलाका क्रूर है
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