Other Poem 1 : Swati Kumari
तकलीफ़ बराबर होती है
जब तेरी स्याही खत्म होती है
मेरी कलम भी रोती है,
हर लड़ाई में हर बहस में
गलती दोनों की होती हैं।
जब तेरी स्याही खत्म होती है
मेरी कलम भी रोती है,
हर लड़ाई में हर बहस में
गलती दोनों की होती हैं।
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