Other poem no.2 Rohini Sharma
" ए दोस्त "
एक दिन जिन्दगी ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगी।
दोस्ती तो सिर्फ यादों में रह जाएगी।
क्लास रूम बंक करना,
छोटे-मोटे झगड़े करना,
हर बात दोस्तों की याद दिलाएगी।
जब भी याद करेंगे इस क्षण को,
और हस्ते-हस्ते फिर आंखे नम हो जाएगी।
ओफिस के रूम में ,
क्लास रूम नज़र आएगी।
पैसे तो बहुत होंगे ,
लेकिन खर्च करने को लम्हे कम हो जाएंगे।
जी ले, खुल के इस पल को मेरे दोस्त,
क्योंकि ज़िन्दगी इस पल को फिर से नहीं दोहराएगी।
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