Response poem 1- Translation
Translation of Agha Shahid Ali's Today, talk is cheap, Call somebody.
आज बातें सस्ती है , चलो किसी से बात की जाये - आग़ा शाहिद अली
आज मैंने सुचना विभाग को कॉल लगाया , स्वर्ग में
और पूछा ," क़यामत का दिन कब आएगा ?"
और आवाज़ आयी जिस व्यक्ति से आप संपर्क करना
चाह रहे है , उसने आपकी कॉल को होल्ड पर ड़ाल दिया है,
कृपया प्रतीक्षा करें।
उच्च कोटि के देवदूतों की प्राथनाओ के भजन के बीच,
मैंने दूसरे दूतो की बेकार की चुगली सुन ली ,
खुद के पंखो को नोचने की अफ़वा
विध्रोह का रूप ले रहा था स्वर्ग में
फिर मैंने सुना आग के शोले जो धुक -धुक करके
दूतों के पंखो को जला रहे थे
फिर वही प्राथना जो चीखों से होते हुए
मेरे कानो में पड़ रही थी।
मैंने प्राथना की," प्यार के देवता ,
कृपया मेरा फ़ोन उठाये। "
न जाने लाइन पर मौत के देवता कैसे आगये
मैंने फिर वही सवाल किया ,"बताइये , बताइये मुझे ,
क़यामत का दिन कब आएगा ?"
आखिर कर उन्होंने जवाब दिया ," ईश्वर व्यस्त है।
वो कभी जीव आत्माओ को जवाब नहीं देते।
उनके पास मर चुके प्राणियों का भी जवाब नहीं है।
अब कभी दोबारा कॉल मत करना पर लेजाना । "
आज बातें सस्ती है , चलो किसी से बात की जाये - आग़ा शाहिद अली
आज मैंने सुचना विभाग को कॉल लगाया , स्वर्ग में
और पूछा ," क़यामत का दिन कब आएगा ?"
और आवाज़ आयी जिस व्यक्ति से आप संपर्क करना
चाह रहे है , उसने आपकी कॉल को होल्ड पर ड़ाल दिया है,
कृपया प्रतीक्षा करें।
उच्च कोटि के देवदूतों की प्राथनाओ के भजन के बीच,
मैंने दूसरे दूतो की बेकार की चुगली सुन ली ,
खुद के पंखो को नोचने की अफ़वा
विध्रोह का रूप ले रहा था स्वर्ग में
फिर मैंने सुना आग के शोले जो धुक -धुक करके
दूतों के पंखो को जला रहे थे
फिर वही प्राथना जो चीखों से होते हुए
मेरे कानो में पड़ रही थी।
मैंने प्राथना की," प्यार के देवता ,
कृपया मेरा फ़ोन उठाये। "
न जाने लाइन पर मौत के देवता कैसे आगये
मैंने फिर वही सवाल किया ,"बताइये , बताइये मुझे ,
क़यामत का दिन कब आएगा ?"
आखिर कर उन्होंने जवाब दिया ," ईश्वर व्यस्त है।
वो कभी जीव आत्माओ को जवाब नहीं देते।
उनके पास मर चुके प्राणियों का भी जवाब नहीं है।
अब कभी दोबारा कॉल मत करना पर लेजाना । "
Dear Kartiki,
ReplyDeleteKudos to you for selecting such a poem for translation. This poem has several gaps (line break) and after a gap the tone/sound changes. For example, "the hold" created silence; but the following stanza brought cacophonous element to the poem. Yeah! the task was not limited to translation of words, but also to capture the changes of poetic elements; and you have done a decent task. Just a suggestion, in this line वो कभी जीव आत्माओ को जवाब नहीं देते; you could probably replace जीव with जीवित and make some changes in the next line,too. Please, translate the title, too.
Enjoyed reading your version of Agha Shahid Ali's poem.
thankyou for your wonderful comment preeti , yes I do realise something is missing in this piece .. i will work on it .
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