Response poem no.4 Rohini Sharma
This is a translation of Agha Shahid Ali's poem " After You " on page no. 371
"तुम्हारे बाद"
हम मौन हो गए है और बहुत कुछ बेनाम रह गया तुम्हारे बाद-
कोई भी नहीं बचा दोषी ठहराने को इस संसार में तुम्हारे बाद-
कोई गायब हो गया है बर्था को नाम देने के बाद,
शाहिद, क्या कोई तुफान को भी नाम दिया जाएगा तुम्हारे बाद?
अब मियामी से बास्टन तक बर्था अपनी हड्डियां तोड़ रही है
मैने उसे पार्किंग लोट पर देखा,
वो कहती है, 'मैं दोषी ठहराई हूं तुम्हारे बाद'।
प्रलय जरुर होगी - यह दावा किया गया था- तुम्हारे बाद
लेकिन संसार चला गया तुम्हारे बाद।।
"तुम्हारे बाद"
हम मौन हो गए है और बहुत कुछ बेनाम रह गया तुम्हारे बाद-
कोई भी नहीं बचा दोषी ठहराने को इस संसार में तुम्हारे बाद-
कोई गायब हो गया है बर्था को नाम देने के बाद,
शाहिद, क्या कोई तुफान को भी नाम दिया जाएगा तुम्हारे बाद?
अब मियामी से बास्टन तक बर्था अपनी हड्डियां तोड़ रही है
मैने उसे पार्किंग लोट पर देखा,
वो कहती है, 'मैं दोषी ठहराई हूं तुम्हारे बाद'।
प्रलय जरुर होगी - यह दावा किया गया था- तुम्हारे बाद
लेकिन संसार चला गया तुम्हारे बाद।।
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