Response Poem4: Chand छंद -- Shubham Arya

A response to Aga Shahid Ali's 'Stationary'--

मन की किताब खोल, शब्द-शब्द बोल-बोल, काग़ज़ को लेखनी से आज महकाना है।
ज्ञान का प्रकाश होगा, मानव की गरिमा भी, उन्नत सुलोक स्वप्न आँखों में सजाना है।
भावों की ज़मीन सिक्त, पृष्ठ क्यों पड़े हैं रिक्त, ृतुराज 'शुभम्' वसंत को बुलाना है।
कलम चलाओगे तो जान लो कि जादू होगा लिखते ही-लिखते ही-लिखते ही जाना है
~~शुभम् आर्य फ़रीदाबादी
Word meanings--
सिक्त= moistened

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