City Poem - Shubham Arya

दानिश अलीगढ़ी की ग़ज़ल के चंद अशअआर--
तुझ से मिलने की सज़ा देंगे तेरे शहर के लोग
ये वफ़ाओं का सिला देंगे तेरे शहर के लोग
क्या ख़बर थी तेरे मिल ने पे क़यामत होगी
मुझ को दीवाना बना देंगे तेरे शहर के लोग
तेरी नज़रों से गिराने के लिए जान-ए-हयात
मुझ को मुजरिम भी बना देंगे तेरे शहर के लोग
कह के दीवाना मुझे मार रहे हैं पत्थर
और क्या इस के सिवा देंगे तेरे शहर के लोग

इसी ज़मीन पर मेरी ग़ज़ल के चंद अशअआर--
मुझ को लगता है बना देंगे तेरे शहर के लोग
होगा कुछ और दिखा देंगे तेरे शहर के लोग
सुनता हूं शहर तो गांव से बड़े होते हैं
एक कमरा तो दिला देंगे तेरे शहर के लोग
उस से पहले तो सिलाएंगे मुलायम बिस्तर
और भट्टी पे सुला देंगे तेरे शहर के लोग
चाँद-तारों से फ़क़ीरों को हुआ क्या हासिल
क्या ख़ुदा का भी पता देंगे तेरे शहर के लोग
चाह गर हो तो कोई राह निकल आती है
आज तो सीन बना देंगे तेरे शहर के लोग
हम ने तामीर किया शहर-ए-तसव्वुर इन का
क्या हमें मार भगा देंगे तेरे शहर के लोग
बैठ एसी में मुख़ालिफ़ का बुरा हाल करें
गोया सरहद पे मिटा देंगे तेरे शहर के लोग
हम ने दुनिया को 'शुभम्' मान लिया गांव मगर
देख तुझ को मुँह बना देंगे तेरे शहर के लोग
~~शुभम् आर्य फ़रीदाबादी
Word meanings--
बनाना= to Build, invent, Make, Produce, trick/cheat/deceive (idiomatic usages)
सिलना= to stich
भट्टी= place where spirituous liquor are manufactured and sold,
boiler, fireplace, furnace, oven, distillery
फ़क़ीर= mendicant, dervish, one who leads holy life
हासिल= gain, product, result, profit
पता= address, trace
तामीर= to build/construct/design
शहर= city; तसव्वुर= imagination, contemplation, reflection,
conception; शहर-ए-तसव्वुर= idea of the city, city plan
मुख़ालिफ़= opponent/enemy/foe/opposition/antagonist
गोया= as if speaking, eloquent

Comments

  1. hi subham!

    i can't understand what should i say. karib hota hua bhi khayalo mai ghum rahi hu ,kya pta sehar ke logo ne mujh bhi deewana bna diya....might be it's a binary message as i could find.. pr phir bhi conclusion tk nhi pachuch paa rhi ?

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