Political Poem: Devyani
गिरगिट
खिलवाड़ नहीं सिर्फ,
उम्मीदों से
अरमानो से
या किसानो से
यह तो खेल गए उस ऊँगली से भी
जो चौदाह में दबाई,
एक भरोसे का बटन
वो कहते है,
अच्छे दिन तोह आगए ,
मैं पूछती हूँ पर कहा गए?
क्या मोदी चाचा-अम्बानी ताऊ के साथ खा गए ?
उन्नीस आ बैठा है गिरगिट की तरह,
इतना समझलो भाजपा
बोहुत मज़ा करलिया तुमने राज का
होगया जितना होना था घाटा
पड़ेगा सबके लिए तुम्हे अब
जनता का करारा चाटा
Devyani, I really liked your use of humor with the seriousness the speaker has for the next general elections. Though I am finding it difficult to understand your comparison of 2019 with a chameleon. I hope to read it again with you when we meet next.
ReplyDeleteThank you
Very nicely written! It's funny and witty while conveying the seriousness behind the thought. I also feel the first stanza can be the beginning of a great 'naara' :)
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