Ghazal : Priyanka Nirwan
कभी तो हैं … कई सोच तुझे बताने को तू कहीं मिले तो सही सोइयों अल्फाज़ रुके हैं जबान पर तू कभी सुने तो सही हैं मेरे जज़्बात दिखने को तुझे देखने को कभी तू आये तो सही हजारों उम्मीदें हैं पूरी करने को साथ तू हो तो सही प्यास छुपी है मेरे जहन में कहीं तू कभी प्याला लेकर बैठे तो सही लाखों है ख्वाहिश सीने में दबी बस प्यार से कभी तू पूछे तो सही हैं सांसों में तू .. माना सबने तू कभी मेरे दिल में धडके तो सही ना गिन सकूँ हैं इतनी चाहतें तू कभी “ मेरे रब ” मेरे पास आ तो सही ..